View Transcript
Episode Description
आज के एपिसोड में हम सुनेंगे उस निर्णायक मोड़ की कहानी, जहाँ अर्जुन और कर्ण पहली बार पूरे तेज़ और क्रोध के साथ आमने-सामने आए। अभिमन्यु के प्रतिशोध और वृशसेन वध के बाद यह युद्ध केवल रण नहीं रहा—यह दो जीवनभर के दर्द, शापों और अधूरे वचनों की भिड़ंत बन गया। दिव्यास्त्रों की वर्षा, कृष्ण की रणनीति और कर्ण के शापित दुर्भाग्य ने इस संग्राम को इतिहास का सबसे रोमांचक क्षण बना दिया। अंत में किस्मत, कौशल और कर्म—तीनों ने मिलकर इस महायुद्ध की दिशा तय की।
